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उत्तराखंड समाचार: दिल्ली के लिए बसों की भरमार, पहाड़ी रूट पर 24 घंटे का इंतजार

सार
देहरादून: पहाड़ी रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाने का कोई योजना परिवहन निगम के पास नहीं है। देहरादून में ग्रामीण, पर्वतीय और देहरादून डिपो की बसें चल रही हैं।

विस्तार
दीपावली का पर्व नजदीक आते ही परिवहन निगम की बसें भरपूर चलने लगी हैं। दिल्ली से देहरादून तक पहुंचने में यात्रियों को कोई समस्या नहीं हो रही, लेकिन यहां से पहाड़ी क्षेत्रों में जाने के लिए यात्रियों को 24 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। पहाड़ी रूटों पर दिनभर में केवल एक ही बस चल रही है, जबकि दिल्ली से हर रोज 70 से अधिक बसें चल रही हैं।

त्योहार के समय परिवहन निगम ने दिल्ली रूट के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन पहाड़ी रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाने का कोई योजना नहीं है। देहरादून में ग्रामीण डिपो, पर्वतीय डिपो और देहरादून डिपो से बसें चलती हैं। स्थानीय रूटों के लिए देहरादून डिपो से बसें चलती हैं, जबकि पर्वतीय डिपो पहाड़ी रूटों पर सेवाएं प्रदान करता है।

दीपावली पर बड़ी संख्या में लोग दिल्ली से उत्तराखंड अपने गांव लौटते हैं। दिल्ली से देहरादून आने के लिए निगम ने 70 से अधिक बसों की व्यवस्था की है, लेकिन देहरादून पहुंचने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में जाने के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है।

600 किमी का रूट… बस सिर्फ एक
पर्वतीय डिपो के तहत 55 रूटों पर बसें चल रही हैं। इनमें से 45 रूटों पर परिवहन निगम की बसें और 10 रूटों पर अनुबंधित बसें चलती हैं। पहाड़ के बड़े रूटों में बागेश्वर, धुमाकोट, बड़कोट, और तपोवन शामिल हैं। इन रूटों पर दिन में केवल एक बस चलती है। इसके अलावा नई टिहरी, द्वाराहाट, मंडल गोपेश्वर, तिलवाड़ा, हनोल, और श्रीनगर के लिए भी दिन में सिर्फ एक बस है। इस कारण पहाड़ी रूटों पर जाने के लिए लोगों को समस्या हो रही है। मसूरी जाने वालों के लिए राहत है, क्योंकि वहां दिन में 10 से अधिक बसें चलती हैं।

वॉल्वो बसें राहत की उम्मीद
देहरादून से दिल्ली के लिए 70 से अधिक बसें चल रही हैं, जिनमें करीब 35 वॉल्वो बसें हैं। दिल्ली के अलावा गुड़गांव, पांवटा, कटरा, चंडीगढ़, लखीमपुर, आगरा, अंबाला, कानपुर, लखनऊ, जयपुर और अयोध्या के लिए भी बसें संचालित की जा रही हैं। ट्रेनों में टिकट की मारामारी बढ़ने पर वॉल्वो बसों में सफर करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है।

परिवहन निगम ने यात्रियों के लिए पूरी व्यवस्था कर ली है। दिल्ली के लिए बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है और पहाड़ी रूटों पर भी अतिरिक्त बसें लगाने के निर्देश दिए गए हैं। – रेखा कहेरा, मंडलीय प्रबंधक

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