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बहरोड़ का तेजी से विकास:
एक दशक पहले बहरोड़ एक साधारण गांव जैसा नजर आता था, लेकिन अब यह बड़े शहरों जैसा विकसित हो चुका है। नेशनल हाईवे पर स्थित बहरोड़ और नीमराणा में कई बड़ी हाउसिंग सोसायटी और होटल बन गए हैं, जिससे आसपास के कस्बों जैसे नीमराणा, शाहजहांपुर, और कोटपूतली की दूरी कम हो गई है।
रहने का तरीका और जीवनशैली में बदलाव:
बहरोड़ के विकास से स्थानीय लोगों का जीवन स्तर भी बदल गया है। यहां के लोग अब आधुनिक जीवनशैली अपनाने लगे हैं। आस-पास के गांवों में भी इस विकास का असर साफ देखा जा सकता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में बड़े बदलाव आए हैं।
रात में दिखता है बड़े शहरों जैसा नजारा:
बहरोड़ की सड़कों पर रात के समय दूधिया रोशनी में जगमगाहट नजर आती है, जो इसे दिल्ली और गुरुग्राम जैसा रूप देती है। यहां का नजारा अब बड़े शहरों के जैसा महसूस होता है।
मूलभूत सुविधाओं की कमी:
हालांकि बहरोड़ ने बहुत विकास किया है, लेकिन अभी भी यहां कुछ मूलभूत सुविधाओं की कमी है। यहां के निवासियों को बस स्टैंड और पार्क जैसी सुविधाएं अभी भी नहीं मिल पाई हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में भी बढ़त:
बहरोड़ और आसपास के इलाकों में दो दर्जन से अधिक निजी स्कूल और शिक्षण संस्थान आधुनिक तकनीक के साथ संचालित हो रहे हैं, जहां बच्चों को अच्छी शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं।