जो सरकारी कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) के दायरे में आते हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। अब सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ की राशि का समय पर भुगतान न होने पर उस पर ब्याज भी दिया जाएगा। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इस बारे में नए निर्देश जारी किए हैं, जिनमें अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है।
सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ पर ब्याज मिलेगा
हाल ही में कई मामलों में पेंशन विभाग को यह सवाल मिला कि क्या सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके जीपीएफ भुगतान में देरी पर ब्याज दिया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ की बकाया राशि पर ब्याज दिया जाएगा। यह रकम सरकारी कर्मचारी की व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाती है, और उन पर लंबित किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का असर नहीं पड़ेगा।
ब्याज के लिए नियम और अधिकारी की जिम्मेदारी
यदि जीपीएफ की राशि सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने तक लंबित रहती है, तो संबंधित अधिकारी ब्याज का भुगतान करेंगे। इसके अलावा, छह महीने से ज्यादा की देरी पर लेखा विभाग से अनुमति लेनी होगी और एक साल से ज्यादा की अवधि पर वित्तीय सलाहकार की मंजूरी जरूरी होगी।
ब्याज का भुगतान अनिवार्य
समय पर जीपीएफ भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अब यह फैसला लिया गया है कि जीपीएफ में देरी होने पर ब्याज का भुगतान अनिवार्य होगा। साथ ही, देरी के मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी ताकि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को समय पर भुगतान मिल सके।