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उत्तर प्रदेश सरकार ने उपचुनाव के बीच राज्य के 10 आईएएस अधिकारियों के दायित्व में बदलाव किया है और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह को सेवानिवृत्ति से सिर्फ 51 दिन पहले प्रतीक्षारत कर दिया है। मनोज सिंह 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें 3 जून 2021 को इस विभाग में तैनाती दी गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा नदी में गंदगी को लेकर तीखी टिप्पणी की थी, जिससे उनकी स्थिति पर असर पड़ा और उन्हें प्रतीक्षारत किया गया।
इसके अलावा, डॉ. राजशेखर का पद भी कम किया गया है। उन्हें सचिव नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग का दायित्व नहीं दिया गया है। अब उनके पास सिर्फ प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) का दायित्व बचा है।
अनिल गर्ग को प्रमुख सचिव सिंचाई और जल संसाधन, परती भूमि विकास और कारागार प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, अनिल कुमार तृतीय को प्रमुख सचिव श्रम और सेवायोजन तथा भूतत्व और खनिकर्म के साथ वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
इसके अलावा, कई अधिकारियों को नए दायित्व सौंपे गए हैं, जैसे:
- सान्या छाबड़ा को प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम,
- प्रणता ऐश्वर्या को प्रबंध निदेशक यूपी एग्रो,
- प्रभाष कुमार को विशेष सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग,
- डा. कंचन सरन को सचिव राज्य महिला आयोग के रूप में तैनात किया गया है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दो अफसरों, विवेक राय और डॉ. अनिल माथुर को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्लॉटर हाउस को एनओसी देने में गड़बड़ियों के कारण की गई है। यह गड़बड़ियां मनोज सिंह के कार्यकाल में हुई थीं।