Tonk Violence: टोंक में हुई हिंसा पर राजस्थान सरकार के गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पूछा कि बाहर से लोगों को बुलाकर टोंक में उपद्रव किसने और क्यों कराया?
गृहराज्य मंत्री का बयान
गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम के थप्पड़ मारने की घटना के बाद हिंसा हुई। उन्होंने बताया कि समरावता गांव का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और साफ कहा कि उनके गांव के लोग इस हिंसा में शामिल नहीं हैं।
मंत्री ने कहा कि पुलिस ने अब तक जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से 40-45 लोग बाहरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह जांच का विषय है कि बाहर के लोगों को बुलाकर हिंसा क्यों करवाई गई।
सभी अपराधियों की गिरफ्तारी का आश्वासन
जवाहर सिंह बेढ़म ने आश्वासन दिया कि मामले में सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शांति भंग करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
थप्पड़ कांड की जानकारी
- निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई।
- पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निवाई की मुंसिफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया।
- कोर्ट ने नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
- नरेश मीणा के वकील ने आरोप लगाया कि उन्हें गुमनाम जगह पर रखा गया और मारपीट की गई।
- नरेश मीणा के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के चार मामले दर्ज किए गए हैं।
जिला कलक्टर ने लिया जायजा
जिला कलक्टर सौम्या झा ने शुक्रवार को समरावता गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। पुलिस जांच कर रही है कि हिंसा के पीछे कौन लोग थे और इसे अंजाम देने का मकसद क्या था।