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राजस्थान: पेंशनर्स को बड़ा झटका, 274 शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन बंद

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू), जोधपुर ने बड़ा फैसला लेते हुए एमबीएम विश्वविद्यालय के 274 सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन अक्टूबर महीने से बंद कर दी है। इन पेंशनर्स को हर महीने करीब 1.60 करोड़ रुपये की पेंशन दी जाती थी।

फैसले का कारण

राज्य सरकार ने नवंबर 2021 में जेएनवीयू की इंजीनियरिंग फैकल्टी (एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज) को अलग करके नया विश्वविद्यालय बना दिया था। हालांकि, एमबीएम के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन पिछले तीन साल से जेएनवीयू ही दे रहा था।

जेएनवीयू ने अब यह फैसला लिया है कि एमबीएम विश्वविद्यालय के पेंशनर्स की पेंशन का दायित्व खुद एमबीएम विश्वविद्यालय संभाले।

जेएनवीयू की आर्थिक समस्या

  • पिछले तीन साल में जेएनवीयू ने एमबीएम के पेंशनर्स को 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
  • अपनी वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण अब जेएनवीयू को अपने कर्मचारियों की पेंशन के लिए भी उधार लेना पड़ रहा है।
  • जेएनवीयू का कहना है कि इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर फैकल्टी के निष्क्रिय होने से उसकी 50 करोड़ रुपये की आय बंद हो चुकी है।
  • पेंशन देने के लिए हर साल 20 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ रहा है।

सिण्डीकेट बैठक का फैसला

23 अक्टूबर को हुई सिण्डीकेट बैठक में तय किया गया कि एमबीएम विश्वविद्यालय के पेंशनर्स की जिम्मेदारी अब एमबीएम विश्वविद्यालय को दी जाएगी।

पेंशनर्स की प्रतिक्रिया

पेंशन बंद होने के बाद 274 पेंशनर्स ने राज्यपाल से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि जेएनवीयू को फिर से उनकी पेंशन शुरू करने के आदेश दिए जाएं।

यह फैसला पेंशनर्स के लिए बड़ी परेशानी बन गया है, जो अब अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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