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अलवर जिले में खाद्य सामग्री में मिलावट के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं, जिससे आमजन के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
मिलावट के मामलों में अलवर नंबर 1
नवंबर महीने में पूरे प्रदेश में 527 मिलावट के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे ज्यादा 65 मामले अलवर में पाए गए। नकली घी और पनीर के मामले इसमें सबसे अधिक हैं।
दस महीने में 249 सैंपल फेल
- जनवरी से अक्टूबर तक अलवर जिले से 816 सैंपल जांच के लिए लिए गए, जिनमें से 249 सैंपल फेल हो गए।
- जुलाई तक 523 सैंपल में से 148 सैंपल मिलावटी पाए गए। इनमें से 141 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे और 7 सैंपल असुरक्षित पाए गए।
- मिलावट में पनीर (49 सैंपल), घी (36 सैंपल), कलाकंद (10 सैंपल), दही (12 सैंपल) और लाल मिर्च (8 सैंपल) प्रमुख रहे।
मिलावटखोरों पर कार्रवाई और जुर्माना
- अक्टूबर तक 237 मामलों का निस्तारण करते हुए अलवर और खैरथल की एडीएम कोर्ट ने मिलावटखोरों पर ₹56 लाख 59 हजार 500 का जुर्माना लगाया।
- स्वास्थ्य विभाग ने 180 मामलों में कोर्ट में चालान पेश किया है।
शिकायत कैसे करें?
खाद्य सुरक्षा अधिकारी केशव गोयल ने बताया कि आमजन टोल फ्री नंबर 181 या 0144-2340145 पर कॉल कर मिलावट की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन मिलावटखोरों पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए सख्त कानून और जनजागरूकता की जरूरत है।