राजस्व महाभियान-3 के तहत सरकार ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए अभियान शुरू किया है। इस अभियान में पटवारियों को कई प्रकार के काम करने हैं, जैसे फार्मर आईडी, नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, ई-केवायसी, स्वामित्व योजना, पुराने रास्ते खुलवाना, नक्शा तरमीम आदि। यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा, और हर काम के लिए 10 अंक निर्धारित हैं, जिनकी मदद से जिले की रैंकिंग तय होगी।
लेकिन, राजस्व महाभियान के दौरान पटवारियों ने कामकाज में दिक्कतों का सामना करने की बात की है। प्रांतीय पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार से अपनी समस्याएं साझा की। उनका कहना है कि नक्शा तरमीम के अधिकांश मामलों का समाधान पहले ही किया जा चुका है। अब जो मामले रह गए हैं, वे राजस्व न्यायालयों के हैं। अगर पटवारी नक्शा तरमीम के लिए राजस्व निरीक्षक के साथ जाएगा, तो महाभियान के अन्य काम रुक सकते हैं।
इसके अलावा, पटवारियों ने ई-केवायसी और फार्मर आईडी से जुड़े पोर्टल को जटिल बताया है। अगर किसान के नाम में छोटी सी भी गलती हो जाती है, तो इन प्रक्रियाओं में परेशानी आ रही है। इसके साथ ही पटवारियों को काम करने के लिए मोबाइल और लैपटॉप की जरूरत है, और गांवों में इंटरनेट की गति भी बहुत धीमी है।
इन समस्याओं को लेकर पटवारी संघ ने सरकार से मदद की अपील की है, ताकि अभियान को सही तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।