छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभ्यारण्य को मिलाकर एक नया टाइगर रिजर्व बनाने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह रिजर्व अब भारत का 56वां टाइगर रिजर्व होगा और यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन जाएगा।
नए टाइगर रिजर्व के साथ-साथ एशिया का सबसे बड़ा टाइगर कॉरिडोर भी अस्तित्व में आएगा, जो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से होकर गुजरेगा। इस टाइगर रिजर्व का क्षेत्र चार जिलों—कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर और एमसीबी—में फैला हुआ है।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्र 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यहां बाघ, तेंदुआ, नीलगाय समेत कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं। इस टाइगर रिजर्व का कोर जोन 2049 वर्ग किलोमीटर और बफर जोन 780 वर्ग किलोमीटर है।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पहले संजय गांधी नेशनल पार्क का हिस्सा था, जिसे 2001 से पहले मध्यप्रदेश में शामिल किया गया था। अब इस नए टाइगर रिजर्व से बाघों के मूवमेंट की बेहतर मॉनिटरिंग की जा सकेगी और साथ ही यह क्षेत्र मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ और झारखंड के पलामू से जुड़ जाएगा।