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भोपाल और इंदौर में साइबर ठगों के चंगुल में फंसे नागरिकों ने जागरूकता से अपना बचाव किया। यह चौथा मामला है, जहां ठगी से बचने के लिए नागरिकों ने पुलिस की मदद ली।
इस मामले में भोपाल के कोहेफिजा क्षेत्र के एक निजी स्कूल संचालक, फुर्रुख अंजुम खान (59), ने साइबर ठगों के जाल से बचने में सफलता पाई। ठगों ने शनिवार को फुर्रुख खान और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर डराया। उन्हें 24 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट में रखा और धमकाया। जब फुर्रुख खान को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने साइबर सेल से संपर्क किया और पुलिस के अफसरों के कहने पर ठगों से बातचीत की।
जब ठगों से पुलिस का सामना हुआ, तो उन्होंने पुलिस को चैलेंज करते हुए कहा, “दम है तो हमें पकड़कर दिखाओ।” इस चक्रव्यूह को तोड़ते हुए फुर्रुख खान ने ठगों के जाल को समाप्त किया।
ठगों ने फुर्रुख के फोन पर आधार कार्ड से संदिग्ध पार्सल भेजने की बात की थी और उन्हें 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रखा था। लेकिन जब उन्होंने मोबाइल में जांच की तो पाया कि ऐसा कोई डिजिटल अरेस्ट नहीं होता, जिसके बाद वे साइबर पुलिस के पास पहुंचे।