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सहकारिता से सबका विकास:
छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियां प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर जिला सहकारिता समिति के 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के समापन समारोह में किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के सशक्तिकरण से गांव, प्रदेश और देश की समृद्धि जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “सहकार से समृद्धि” का लक्ष्य रखा गया है, जो किसानों और ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में है।
सहकारिता से जुड़े मंत्री के विचार:
मंत्री कश्यप ने कहा कि सहकारिता का मूल उद्देश्य सबकी सहभागिता से सबका विकास है। उन्होंने किसानों और सहकारी समिति से जुड़े लोगों से आह्वान किया कि सहकारिता के कार्य जमीनी स्तर पर दिखने चाहिए। भाजपा सरकार का “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” का ध्येय वाक्य सहकारिता के क्षेत्र में साकार हो रहा है।
सहकारिता के माध्यम से किसानों को राहत:
अब तक साढ़े 5 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण सहकारी समितियों के जरिए किया जा चुका है। मंत्री ने बताया कि सहकारी समितियां केवल धान और बीज खरीदने व बेचने का केंद्र नहीं हैं, बल्कि इन्हें मल्टी-एक्टिविटी सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
हरित क्रांति और श्वेत क्रांति में सहकारिता का योगदान:
मंत्री कश्यप ने कहा कि हरित क्रांति और श्वेत क्रांति में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हालांकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने सहकारिता को नीतिगत योजनाओं में प्राथमिकता नहीं दी, जिससे इसकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो सका।
सहकारिता मंत्रालय का गठन:
मोदी सरकार ने 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जो सहकारिता को जनांदोलन के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह मंत्रालय सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और सहकारिता को समाज की जड़ों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रदेश में किसानों के लिए नई उम्मीद:
मंत्री ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार किसानों से एक-एक दाना धान खरीदेगी। सहकारिता समितियों के माध्यम से किसानों और ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के प्रयास जारी रहेंगे।