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राजस्थान में बेरोजगार युवा भर्तियों के लिए लगातार मांग करते रहते हैं, लेकिन जब परीक्षा की बारी आती है तो बड़ी संख्या में उम्मीदवार परीक्षा देने नहीं पहुंचते। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
RSSB के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज के अनुसार, उम्मीदवारों द्वारा परीक्षा में अनुपस्थित रहने से केंद्रों पर होने वाला खर्च बर्बाद हो जाता है। कई बार छात्र एक बार पंजीकरण कराते हैं, लेकिन परीक्षा के दिन उपस्थित नहीं होते, जिससे न केवल सरकार को आर्थिक नुकसान होता है बल्कि सरकारी स्कूलों को भी नुकसान होता है।
RSSB ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि आवेदन शुल्क फिर से वसूलने की व्यवस्था लागू की जाए या जुर्माना लगाया जाए। इसके तहत सामान्य और आरक्षित श्रेणियों के लिए 200 रुपये से 300 रुपये तक का शुल्क वसूलने की बात की गई है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में वन टाइम रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू की थी, जिसके तहत उम्मीदवारों को केवल एक बार फीस भरनी होती थी और फिर किसी भी सरकारी परीक्षा के लिए शुल्क नहीं लिया जाता था।
पिछले सप्ताह आयोजित जूनियर प्रशिक्षक भर्ती परीक्षा में भी कम उपस्थिति देखी गई थी। पहली पारी में केवल 58.2% उम्मीदवार और दूसरी पारी में सिर्फ 37.4% उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए थे।