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जोधपुर न्यूज़: रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब सायबेरियन पक्षियों के प्रवासन मार्ग पर भी दिखाई देने लगा है। दशकों से नेपाल के रास्ते खींचन आने वाली कुरजां पक्षी (डेमोसाइल क्रेन) इस बार पाकिस्तान के रास्ते जैसलमेर होते हुए भारत की सीमा में दाखिल हुई है।
टैग लगी कुरजां ने किया बड़ा खुलासा:
इस साल खींचन पहुंचने वाली कुरजां पक्षी के पैरों में पीली और नीली रिंग लगी पाई गई, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते उनके प्रवासन मार्ग में आए बदलाव का संकेत देती है।
महत्वपूर्ण जानकारी मिली:
- डेमोसाइल क्रेन की इस यात्रा से उनके प्रवासन पैटर्न और जीवन चक्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं।
- विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहली बार है कि सात माह के मेल सायबेरियन पक्षी के फीमर में दो रंग की रिंग मिली है।
विशेषज्ञ की राय:
डॉ. दाउलाल बोहरा, आईयूसीएन के सदस्य, का कहना है कि इन पक्षियों के प्रवासन में आए बदलाव से पर्यावरणीय और राजनीतिक घटनाओं के बीच गहरा संबंध उजागर होता है।
यह बदलाव सायबेरियन पक्षियों के प्रवासन पैटर्न और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर वैश्विक घटनाओं के प्रभाव को समझने में मदद कर सकता है।