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राजस्थान में हाल ही में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। कांग्रेस ने केवल दौसा सीट पर जीत हासिल की, जबकि झुंझुनूं और रामगढ़ में ही उनके उम्मीदवार जमानत बचा पाए। बाकी 4 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
कुल 69 उम्मीदवारों में से 54 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, क्योंकि उन्हें छठे हिस्से से भी कम वोट मिले। दौसा और खींवसर में सबसे अधिक 10-10 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई, जबकि झुंझुनूं, रामगढ़ और चौरासी में 8-8 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इसके अलावा देवली-उनियारा में 6 और सलूम्बर में 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
जमानत जब्त का मतलब है कि उम्मीदवार को कुल प्राप्त वोटों के छठे हिस्से से कम वोट मिले हों, जिसके कारण उनकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। सामान्य उम्मीदवारों को नामांकन के समय 10 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह राशि 5 हजार रुपये होती है।