Related Articles
जयपुर: क्या मल्टीविटामिन मूंगा चट्टानों को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं? वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन (डब्ल्यूएचओआई) के वैज्ञानिकों का मानना है कि पोषक तत्व मूंगों की प्रतिरक्षा बढ़ाकर उन्हें पर्यावरणीय बदलावों से बचा सकते हैं।
कोरल की प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर:
शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में पोषक तत्वों से भरपूर टाइलों का परीक्षण किया है। इन टाइलों में मैंगनीज, जिंक और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं। इनसे मूंगों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो सकती है, जिससे वे गर्म पानी और तूफानों जैसी समस्याओं का सामना बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
कृत्रिम चट्टान का निर्माण:
डब्ल्यूएचओआई की टीम ने वर्जिन आइलैंड्स विश्वविद्यालय (यूवीआई) के विशेषज्ञों के साथ मिलकर 20 वर्ग मीटर की कृत्रिम चट्टान बनाने की योजना बनाई है। इस चट्टान में पोषक तत्वों से भरपूर टाइलें लगाई जाएंगी, जो मूंगों को आवश्यक पोषण प्रदान करेंगी और उनके लार्वा को बसने के लिए एक ठोस आधार देंगी।
प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक:
डब्ल्यूएचओआई की वैज्ञानिक कोलीन हेंसल ने बताया कि एक साल के प्रयोगशाला परीक्षण में देखा गया कि जिन मूंगों को पोषण दिया गया, वे गर्मी के तनाव के प्रति अधिक मजबूत और लचीले थे।
तटरेखा की सुरक्षा और मूंगों का संरक्षण:
वर्जिन आइलैंड्स विश्वविद्यालय की मर्लिन ब्रांट के अनुसार, कृत्रिम चट्टान न केवल तटरेखा को कटाव और तूफानों से बचाएगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे मूंगों को भी नया जीवन देगी। यह संरचना प्राकृतिक चट्टानों के बगल में बनाई जा रही है, जो समुद्री गर्मी और तूफानों से प्रभावित हो चुकी हैं।
निष्कर्ष:
इस अनोखे प्रयास का लक्ष्य मूंगा चट्टानों को बहाल करना और समुद्री जीवन को संरक्षित करना है। यह पहल जलवायु परिवर्तन और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की चुनौतियों का सामना करने में मददगार साबित हो सकती है।