Breaking News

ईवीएम पर सवाल उठाने का सिलसिला और नेताओं की जिम्मेदारी

आजकल राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप की नीति काफी बढ़ गई है। विभिन्न दलों के नेता एक-दूसरे पर दोष लगाते रहते हैं। ईवीएम एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो सभी दलों के नेताओं के साथ समान व्यवहार करती है, लेकिन हारने वाले उम्मीदवार अक्सर इसे दोषी ठहराते हैं।

पाठकों की प्रतिक्रियाएं:

1. जीतने पर ईवीएम भगवान, हारने पर शैतान
आजकल राजनीति में आरोप लगाने की आदत बन गई है। ईवीएम एक निष्पक्ष मशीन है, जो सभी दलों के लिए समान होती है, लेकिन जब उम्मीदवार हारते हैं, तो उसे दोषी ठहराया जाता है। हारे हुए प्रत्याशी को अपनी हार पर विचार करना चाहिए, न कि ईवीएम पर संदेह करना चाहिए।
– मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़

2. राजनीति में दोहरे चरित्र के चलते ऐसा हो रहा
कुछ नेता हारने के बाद ईवीएम पर सवाल उठाते हैं, जबकि जीतने पर वे उसे सही मानते हैं। यह राजनीति में दोहरे चरित्र के कारण है।
– नरेश कानूनगो, देवास, म. प्र.

3. आपत्तियों का जल्द निराकरण होना चाहिए
चुनावों के दौरान यदि कोई आपत्ति उठाई जाती है, तो उसे तुरंत हल किया जाना चाहिए ताकि आरोप-प्रत्यारोप का मौका न मिले।
– डॉ. मदनलाल गांगले, रतलाम (मध्य प्रदेश)

4. विपक्षी पार्टियां अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ती हैं
कई बार हारने वाली पार्टियां ईवीएम पर सवाल उठाती हैं ताकि वे अपनी हार को छिपा सकें।
– सुनीता प्रजापत, हनुमानगढ़

5. ईवीएम पर सवाल उठाना मतदाता पर भी असर डालता है
ईवीएम पर बार-बार सवाल उठाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। इससे मतदाताओं के दिमाग में भी सवाल उठने लगते हैं।
– साजिद अली, इंदौर

6. हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने का बहाना
जब विपक्षी पार्टियां हारती हैं, तो वे सारा दोष ईवीएम पर डाल देती हैं। अगर वे जीतती हैं, तो ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठातीं। यह हार के बाद बहाना बन जाता है।
– अजीत सिंह सिसोदिया, बीकानेर

7. ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता
मैंने कई बार निर्वाचन कार्य में भाग लिया है और कभी भी ईवीएम की कार्यप्रणाली में कोई संदेह नहीं पाया। ईवीएम को हैक किया जाना असंभव है, और इसकी विश्वसनीयता पर सवाल केवल हारने वाले उठाते हैं।
– संजय निघोजकर, धार (म. प्र.)

8. केवल हारे हुए नेता को याद आती है ईवीएम
नेता चुनाव हारने के बाद ही ईवीएम को दोष देते हैं। जीतने पर सब कुछ सही रहता है, लेकिन जैसे ही वे हारते हैं, ईवीएम उनके लिए दुश्मन बन जाती है।
– गजेंद्र चौहान कसौदा, डीग

9. पारदर्शिता और तकनीकी चिंताओं के कारण सवाल
ईवीएम पर सवाल पारदर्शिता और तकनीकी चिंताओं के कारण उठते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने बार-बार इसकी विश्वसनीयता को साबित किया है।
– संजय माकोड़े, बैतूल

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?