इजरायल और लेबनान के बीच हिजबुल्लाह को लेकर चल रहा युद्ध अब रुक गया है। इस संघर्ष विराम का स्वागत दुनियाभर के नेताओं और देशों ने किया है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि लेबनान गाजा की तरह नहीं बनेगा। भारत ने भी इस सीज़फायर पर अपनी पहली बड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भारत का बयान:
भारत ने बुधवार को इजरायल और लेबनान के बीच संघर्ष विराम के फैसले का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह निर्णय क्षेत्र में तनाव को कम करने के भारत के प्रयासों को दर्शाता है। हम हमेशा से बातचीत, संयम और कूटनीति की प्रक्रिया पर लौटने की वकालत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इस फैसले से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी।”
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि इजरायल में भारतीय मूल के 20,000-30,000 लोग रहते हैं। मंत्रालय उनके साथ लगातार संपर्क में है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक यात्रा सलाह जारी की गई है।
अमेरिका ने दी थी जानकारी:
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह घोषणा की थी कि इजरायल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों ने “इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष” को समाप्त करने के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
इजरायल ने स्वीकार किया सीज़फायर:
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का धन्यवाद करते हुए कहा कि इजरायल युद्धविराम समझौते को लागू करने के लिए स्वतंत्र रहेगा।
भारत की सतर्कता:
भारत ने भी 2 नवंबर को यह सुनिश्चित किया कि इजरायल में भारतीय दूतावास भारतीय नागरिकों के संपर्क में है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।