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यात्री विमानों के लिए भी खतरा
जोधपुर सिविल एयरपोर्ट भी वायुसेना के रनवे का उपयोग करता है, जिससे यात्री विमानों को भी खतरा है। इस समस्या को हल करने के लिए वायुसेना ने वन विभाग से मदद मांगी है। वन विभाग जल्द ही एयरफोर्स क्षेत्र का सर्वे करेगा और नील गायों को अन्यत्र शिफ्ट करने या रोकने के उपाय करेगा।
तेंदुए के आने की संभावना
वन विभाग के कुछ रिटायर अधिकारियों का कहना है कि हाल के दिनों में मारवाड़ क्षेत्र में तेंदुओं की मूवमेंट बढ़ी है। अगर नील गाय एयरफोर्स क्षेत्र तक पहुंच रही हैं, तो भविष्य में तेंदुए भी यहां आ सकते हैं।
नील गायों की संख्या क्यों बढ़ रही है?
- एयरफोर्स क्षेत्र हरा-भरा है और नील गायों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध है।
- आसपास के इलाकों में कचरा पात्र फैले हुए हैं, जिनमें खाने की वस्तुएं होने से नील गाय आकर्षित हो रही हैं।
- नील गाय साल में दो बार ब्रीडिंग करती हैं, जिससे उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।
पहले भी हुई कार्रवाई
2017 में भी एयरफोर्स क्षेत्र में नील गायों की संख्या बढ़ने पर वन विभाग ने कार्रवाई की थी। उस समय इलाके को घेरकर 9 नील गायों को ट्रेंकुलाइज किया गया और जंगल में शिफ्ट किया गया था।
वन विभाग का बयान
सरिता चौधरी, उप वन संरक्षक (वन्य जीव), जोधपुर ने कहा, “एयरफोर्स ने मदद मांगी है। हम साइट विजिट कर नील गायों की जानकारी लेंगे और उसके बाद उचित कार्रवाई करेंगे।”
वन विभाग जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालने के लिए काम शुरू करेगा।