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केशकाल नगर पंचायत: टेंडर विवाद, समझौता और पार्षदों की नाराज़गी

टेंडर में गड़बड़ी का आरोप
केशकाल नगर पंचायत में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और ठेकेदारों के बीच सांठगांठ का मामला सामने आया है। शिकायत के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया में पहले ही ठेकेदारों से कमीशन तय कर लिया गया था, और टेंडर शासन के बिलों से अधिक दर पर भरे गए।

समझौते की कोशिशें जारी
सूत्रों के मुताबिक, नगर पंचायत के पार्षदों और शिकायतकर्ताओं को एक बंद कमरे में बुलाकर बैठक की गई। यह बैठक बिना सीएमओ के हुई। शिकायतकर्ताओं से कहा गया कि वे अपनी शिकायत वापस ले लें। लंबी बातचीत के बाद अधिकांश शिकायतकर्ता शिकायत वापस लेने पर राज़ी हो गए, लेकिन पार्षद अनिल उसेंडी और राजा बांदे अपनी बात पर डटे रहे।

टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप
शिकायत में बताया गया कि:

  1. ठेकेदारों को बिलों से अधिक दर पर टेंडर भरने की अनुमति दी गई।
  2. सभी टेंडर एक ही दिन पोस्ट ऑफिस से भेजे गए, जिससे आपसी सांठगांठ का शक गहराया।
  3. निर्माण सामग्री की कीमतें 20% कम होने के बावजूद टेंडर 9-10% अधिक दर पर भरे गए।

पिछले टेंडर से तुलना
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब सामग्री महंगी थी, तब प्रतिस्पर्धा के कारण बिलों के अनुसार टेंडर भरे गए थे। लेकिन इस बार ठेकेदारों ने आपसी साठगांठ कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

प्रशासन गंभीर नहीं
इस गंभीर आरोप के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। दरें स्वीकृत करने वाले अधिकारी ने भी पिछली बार की दरों को मंजूरी दी थी, जबकि उन्हें शासन हित में अधिक दरों पर आपत्ति जतानी चाहिए थी।

जांच और कार्यवाही की मांग
नगर पंचायत में उठे इस विवाद के बाद जिला प्रशासन और नगरीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि वे इस मामले की जांच करें और कार्य आदेश पर रोक लगाएं। हालांकि, प्रशासन अभी तक इस पर गंभीरता दिखाने में नाकाम रहा है।

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