इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन श्रवण नक्षत्र और भद्रावास योग का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व रहेगा। इन योगों में पूजा करने से भक्तों को अक्षय फल और मनचाहा वरदान प्राप्त होगा।
महाशिवरात्रि की तिथि और पूजा का समय
- महाशिवरात्रि की शुरुआत: 26 फरवरी, बुधवार सुबह 11:08 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी, सुबह 8:54 बजे
- पूजा का शुभ समय:
- शाम 6:19 बजे से रात 9:26 बजे तक
- रात 9:26 बजे से 12:34 बजे तक
- व्रत पारण का समय: 27 फरवरी, सुबह 6:48 बजे से 8:54 बजे तक
शिवालयों में तैयारियां जोरों पर
- मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा होगी।
- रुद्राभिषेक, शिव चालीसा पाठ और चार पहर की पूजा की जाएगी।
- भक्त व्रत रखेंगे और भगवान शिव का अभिषेक दूध, जल और पंचामृत से करेंगे।
- कई जगहों पर शिव बारात और सामूहिक विवाह के आयोजन भी होंगे।
महाशिवरात्रि का महत्व और शुभ योग
- श्रवण नक्षत्र: यह योग शाम 5:08 बजे तक प्रभावी रहेगा, जिससे इस दिन की गई पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है।
- भद्रावास योग: इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- परिध योग: इस योग में शिव-पार्वती की आराधना से भाग्य बढ़ता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
महाशिवरात्रि पर शिव-शक्ति की पूजा का महत्व
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और रात्रि में जागरण कर भगवान शिव का ध्यान करते हैं।
📌 महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो और सभी की मनोकामनाएं पूरी हों। 🕉️🚩