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भू-जल दोहन बढ़ा, सरकार ने सभी पंचायतों को योजना से जोड़ने का प्रस्ताव भेजा

प्रदेश में भू-जल रिचार्ज से 150% ज्यादा पानी का दोहन किया जा रहा है, जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने अटल भू-जल योजना से सभी 11 हजार पंचायतों को जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।

अभी कितनी पंचायतें जुड़ी हैं?

  • 17 जिलों की 1132 पंचायतें इस योजना से जुड़ी हैं।
  • इन पंचायतों में फार्म तालाब, एनीकट, और वाटर रिचार्ज संरचनाएं बनाई गई हैं।
  • इससे कुछ इलाकों में भू-जल गिरावट को रोकने में मदद मिली है।

योजना के तहत क्या मिलेगा?

  • अगर प्रस्ताव स्वीकृत हुआ तो लागत का 20% इंसेंटिव केंद्र सरकार से मिलेगा।
  • इससे प्रदेश में अधिक से अधिक क्षेत्रों में जल संरक्षण के प्रयास किए जा सकेंगे।

किन जिलों की पंचायतें अभी योजना में शामिल हैं?

अजमेर, अलवर, बारां, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, झुंझुनूं, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़।

सिर्फ 4 जिले सुरक्षित श्रेणी में

बांसवाड़ा, डूंगरपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़ में भू-जल दोहन कम है और ये सुरक्षित श्रेणी में हैं।

भू-जल संरक्षण के लिए क्या जरूरी?

  1. रेनवाटर हार्वेस्टिंग – हर छोटे भूखंड पर भी इसे लागू करें।
  2. स्टॉर्म वाटर हार्वेस्टिंग – सड़कों पर बहने वाले पानी को संरक्षित करने की व्यवस्था।
  3. कैच द रेन – पार्कों और कॉलोनियों को इस तरह विकसित करें कि बारिश का पानी भू-जल स्तर बढ़ा सके।

सरकार ने भू-जल संरक्षण को प्राथमिकता दी है और जल संकट से बचाव के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं

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