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राजस्थान सरकार के बजट 2025 में टोंक जिले को कई सौगातें मिली हैं। हालांकि, टोंक और देवली-उनियारा क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जबकि मालपुरा और टोडारायसिंह के लिए ज्यादा घोषणाएं की गई हैं।
बीसलपुर बांध और जल परियोजनाएं
💧 बीसलपुर बांध को बाणगंगा और रूपारेल नदी से जोड़ने के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाई जाएगी।
💧 नहरों की मरम्मत पर 102 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा।
💧 275 करोड़ रुपए की लागत से 11 शहरों में जल आपूर्ति में सुधार होगा।
💧 8.69 करोड़ से वनस्थली ग्रामीण पेयजल योजना का विस्तार होगा।
💧 92.15 करोड़ से निवाई, डिग्गी और लाबाहरिसिंह में शहरी जल परियोजना को मजबूत किया जाएगा।
सड़कों और बुनियादी ढांचे का विकास
🛣 106 करोड़ रुपए की लागत से नई सड़कें बनाई जाएंगी:
- 58.50 करोड़ से देवल से नगर वाया लाबाहरिसिंह, मोरला थड़ी तक सड़क निर्माण।
- 47.50 करोड़ से गुर्जर की थड़ी से रिंडल्यारामपुरा, पन्द्राहेड़ा होते हुए बावड़ी तक सड़क निर्माण।
- 9.57 करोड़ से दहलोद-दत्तवास से सीपुरा और कुरवाड़ा से जैतपुरा तक 10.90 किमी सड़क बनेगी।
- 5 करोड़ से स्टेट हाईवे-117 से जेबाडिया तक कॉजवे सहित सड़क निर्माण।
- 50 लाख से टोडारायसिंह में बायपास सड़क की डीपीआर बनेगी।
धार्मिक और पर्यटन विकास
🕌 महत्वपूर्ण मंदिरों के जीर्णोद्धार और विकास कार्य किए जाएंगे:
- भूतेश्वर महादेव मंदिर (टोडारायसिंह)
- सिंधोलिया माताजी मंदिर (मालपुरा)
- बद्रीनाथ मंदिर (निवाई)
🌿 ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लापोडिया (मालपुरा) को विकसित किया जाएगा।
शिक्षा और उद्योग क्षेत्र को निराशा
🏫 टोंक में किसी बड़े शैक्षणिक संस्थान की घोषणा नहीं हुई।
🏭 औद्योगिक विकास के लिए किसी नए हब की घोषणा नहीं हुई।
🚆 रेलवे परियोजनाओं के लिए भी कोई ठोस फैसला नहीं आया।
देवली-उनियारा क्षेत्र को क्या मिला?
🛒 बनेठा में गौण कृषि मंडी बनेगी, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
💧 102.71 करोड़ की लागत से बीसलपुर बांध की मुख्य नहरों और माइनर प्रणालियों की मरम्मत होगी।
निवाई क्षेत्र के लिए घोषणाएं
⚡ चैनपुरा (निवाई) में 133 केवी जीएसएस (ग्रिड सब-स्टेशन) बनेगा।
🏭 दत्तवास में रीको का नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा।
🏥 पीपलू सीएचसी में बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी।
निष्कर्ष
इस बजट में टोंक जिले को जल परियोजनाओं, सड़कों और धार्मिक स्थलों के विकास की सौगात मिली है। हालांकि, शिक्षा और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उम्मीदें अधूरी रह गई हैं।