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एमपी में रेलवे लाइन के लिए ली गई किसानों की जमीन, 22 किसानों को नोटिस जारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में भोपाल से रामगंज मंडी तक रेलवे लाइन का काम तेजी से चल रहा है। इसी दौरान, नरसिंहगढ़ के तुर्कीपुरा और बड़ोदिया तालाब गांवों के किसानों और प्रशासन के बीच मुआवजे के ब्याज को लेकर विवाद चल रहा है। यह मामला पिछले दो महीने से चर्चा में बना हुआ है

22 किसानों की जमीन ली गई

12 फरवरी को एसडीएम सुशील वर्मा, तहसीलदार विराट अवस्थी, नायब तहसीलदार अंगारिका कनौजिया और रेलवे अधिकारियों ने तुर्कीपुरा गांव के 22 किसानों से मुलाकात की। इन किसानों की कुल 31 बीघा जमीन रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहित कर ली गई थी। प्रशासन ने किसानों से कहा कि वे अपनी मुआवजा राशि सरकार से ले लें

किसानों ने न्यायालय में मामला दर्ज कराया

इन 22 किसानों ने मुआवजा और ब्याज की मांग को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। वे मुआवजा मिलने में हुई देरी के कारण ब्याज भी चाहते हैं। मामला 2017 से लंबित है और न्यायालय में विचाराधीन है।

प्रशासन ने नोटिस जारी किया

एसडीएम सुशील वर्मा ने इन 22 किसानों को नोटिस जारी किया है और तीन दिन के भीतर बैंक खाता नंबर और आधार कार्ड जमा करने का आदेश दिया है, ताकि उनके खाते में मुआवजा राशि डाली जा सके। हालांकि, किसानों ने कोर्ट के फैसले तक इसे मानने से इनकार कर दिया है

मुआवजा देरी का कारण

2017 में तुर्कीपुरा और बड़ोदिया तालाब समेत अन्य गांवों की जमीन का सर्वे किया गया था। बाकी गांवों के किसानों को 2017 में ही मुआवजा और ब्याज मिल गया, लेकिन तुर्कीपुरा और बड़ोदिया तालाब के किसानों को 2022 में मुआवजे का अवॉर्ड दिया गया। किसानों का सवाल है कि जब सर्वे एक साथ हुआ था, तो उन्हें बाकी गांवों के साथ मुआवजा क्यों नहीं मिला?

अब यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और किसान फैसले का इंतजार कर रहे हैं

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