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मथुरा के वृंदावन स्थित गोपीनाथ मंदिर में बुधवार को विधवा माताओं ने फूलों और गुलाल के साथ होली खेली। इस खास मौके पर विदेशी महिलाएं भी शामिल हुईं और सभी ने मिलकर होली का आनंद उठाया।
सुलभ इंटरनेशनल संस्था ने कराया आयोजन
इस आयोजन का जिम्मा सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल ने उठाया। विधवा माताओं ने पुरानी रूढ़ियों को तोड़ते हुए खुशी और प्रेम के साथ होली मनाई। उन्होंने होली के गीत गाए, एक-दूसरे को रंग लगाया और सभी को बधाई दी।
मंदिर में गूंजे होली के रंग और भजन
विधवा माताओं ने कहा कि होली जैसा आनंद किसी और त्योहार में नहीं। महिला गीता दासी ने बताया कि यहां सैकड़ों महिलाओं ने मिलकर फूलों और गुलाल से होली खेली। वहीं, रतनिया दासी ने कहा कि यह त्योहार बहुत खास होता है और हमें यहां आकर बहुत खुशी मिली।
साल 2013 से हो रही यह खास होली
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने 2013 में विधवा माताओं को होली मनाने के लिए प्रेरित किया। तब से हर साल यहां फूलों और गुलाल की होली खेली जाती है।
दिल्ली से आई श्रद्धालु ने साझा किया अनुभव
दिल्ली से आई श्रद्धालु पायल ने कहा, “गोपीनाथ मंदिर में होली खेलना एक अनोखा अनुभव है। ऐसा लग रहा है जैसे भगवान गोपीनाथ स्वयं भक्तों के साथ होली खेल रहे हों। माताओं के साथ होली खेलकर मुझे बहुत आनंद आया।”
भगवान श्रीराधाकृष्ण के साथ मनाया गया उत्सव
सुबह से ही आश्रय गृहों में रहने वाली सैकड़ों विधवा माताएं गोपीनाथ मंदिर में इकट्ठा हुईं। सभी ने मिलकर फूलों की पंखुड़ियां तैयार कीं और भजनों की धुन पर नृत्य करते हुए भगवान श्रीराधाकृष्ण के साथ होली मनाई।
निष्कर्ष
गोपीनाथ मंदिर में खेली गई यह विशेष होली प्रेम, एकता और आनंद का प्रतीक बनी। यह आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और विधवा माताओं को खुशियां देने का एक सुंदर प्रयास है।