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होली 2025: होली का त्योहार नजदीक आ गया है और शहर में इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल होलिका दहन गुरुवार, 13 मार्च को होगा और रंगोत्सव 14 मार्च को मनाया जाएगा। हालांकि, इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा, जिससे इसे देर रात करने की सलाह दी जा रही है।
मध्यप्रदेश के ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह 10:35 बजे होगी और तभी से भद्रा भी शुरू हो जाएगी, जो रात 11:26 बजे तक प्रभावी रहेगी। इसलिए, होलिका दहन रात 11:26 बजे के बाद करना शुभ रहेगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
✅ रात 11:26 बजे से 12:26 बजे तक होलिका दहन का सबसे अच्छा समय रहेगा।
✅ हालांकि, कुछ लोग भद्रा समाप्त होने से पहले भी होलिका दहन कर सकते हैं।
बाजारों में होली की खरीदारी
होलिका दहन की तैयारियों को लेकर बाजारों में गुलरिया, कंडे और अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। इस बार शहर के करीब 1,000 स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा।
सराफा बाजार में 20 फीट ऊंची होलिका तैयार
- सराफा बाजार में 20,000 कंडों से बनी 20 फीट ऊंची होलिका तैयार की गई है।
- गुरुवार रात 10:30 बजे इसका दहन किया जाएगा।
- यहां रासलीला और फूलों की होली का आयोजन भी किया जाएगा।
13 मार्च को जीवाजी क्लब में भी होलिका दहन
जीवाजी क्लब में 10,000 कंडों से तैयार होलिका का दहन रात 8 बजे होगा। इस मौके पर लाइव म्यूजिक और डांस परफॉर्मेंस भी रखी गई है।
भद्रा क्यों होती है अशुभ?
- भद्रा को सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन माना जाता है।
- इसका स्वभाव क्रोधी होता है और जब यह पृथ्वी लोक में होती है, तो अनिष्टकारी मानी जाती है।
- इसलिए, भद्रा काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
14 मार्च से खरमास शुरू, एक महीने तक शुभ कार्य नहीं होंगे
- 14 मार्च से 14 अप्रैल तक खरमास रहेगा।
- इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, संपत्ति खरीदना और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते।
- खरमास तब लगता है जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है।
लड्डू गोपाल के लिए होली का विशेष श्रृंगार
- भक्त लड्डू गोपाल को सजाने के लिए रंग-बिरंगी पोशाकें खरीद रहे हैं।
- बाजार में मल्टीकलर पोशाकों की ज्यादा मांग है।
निष्कर्ष
इस बार भद्रा के कारण होलिका दहन रात 11:26 बजे के बाद करना शुभ रहेगा। बाजारों में होली की जबरदस्त तैयारियां दिख रही हैं, और त्योहार को लेकर लोगों में उत्साह बना हुआ है।