हरियाणा के बीजेपी विधायकों ने नायब सिंह सैनी को फिर से अपना नेता चुना है। यह चुनाव केवल औपचारिकता थी, क्योंकि बीजेपी ने चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा था। आइए जानते हैं कि बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को ही क्यों चुना:
1. सरकार की छवि में बदलाव
नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि मनोहर लाल खट्टर की सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी। बीजेपी को डर था कि अगर खट्टर को नहीं हटाया गया, तो आगामी चुनाव में नुकसान होगा। सैनी ने आते ही सरकार की छवि सुधारने का काम किया, जिससे बीजेपी ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया।
2. कार्यकर्ताओं में उत्साह
सैनी ने चुनाव के दौरान प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अच्छे से संपर्क साधा और उन्हें प्रेरित किया। उनकी मेहनत ने कार्यकर्ताओं में विश्वास जगाया और चुनाव के परिणाम में सकारात्मक असर डाला।
3. नई छवि
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की छवि काफी सख्त थी, जिससे लोग उनसे दूर हो गए थे। सैनी ने एक सौम्य और मिलनसार मुख्यमंत्री की छवि बनाई, जिससे लोग उनसे जुड़ने लगे। यह बदलाव चुनाव प्रचार में भी नजर आया।
4. वोटों की राजनीति
बीजेपी ने हरियाणा में गैर जाट वोटों का ध्रुवीकरण किया। सैनी, जो माली जाति से हैं, ओबीसी वर्ग में आते हैं, जो हरियाणा का एक बड़ा वोट बैंक है। बीजेपी ने ओबीसी और दलित जातियों को जोड़ने का प्रयास किया, जिससे उनकी जीत में मदद मिली।
5. सीएम पद के अन्य दावेदार
बीजेपी में कई नेता सीएम बनने के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने नायब सिंह सैनी को ही चुना। यह स्पष्ट था कि बीजेपी ने उसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी, जिसके चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था।
इन सभी कारणों से नायब सिंह सैनी को फिर से हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया है।