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राजस्थान में हुए सात विधानसभा उपचुनावों में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की रणनीति ने भाजपा को बड़ी जीत दिलाई। भाजपा ने इनमें से 5 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे भजनलाल शर्मा प्रदेश में राजनीति के नए जादूगर के रूप में उभरे।
भजनलाल शर्मा की कुशल राजनीति
मुख्यमंत्री बनने के बाद भजनलाल शर्मा ने कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर जनता का दिल जीता। जब उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ बगावती सुर उठे, तो भजनलाल शर्मा ने अपनी राजनीति की कुशलता दिखाते हुए उन बागी नेताओं को मनाया और पार्टी को एकजुट किया। इसके बाद उन्होंने उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार किया और पार्टी को महत्वपूर्ण सीटों पर जीत दिलाई।
महत्वपूर्ण फैसले और चुनावी रणनीति
भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के पहले वर्ष में कई ऐतिहासिक फैसले किए, जैसे ईआरसीपी और यमुना जल समझौते पर निर्णय। इसके अलावा उन्होंने राजधानी जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान’ वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिससे राज्य में 25 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हुए। इन फैसलों से शर्मा ने प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान मजबूत की।
हनुमान बेनीवाल का गढ़ ढहा
इस उपचुनाव के परिणामों के बाद भाजपा ने हनुमान बेनीवाल के राजनीतिक गढ़ खींवसर में भी जीत हासिल की, जहां भाजपा ने पहले कभी चुनाव नहीं जीते थे। इसके अलावा भाजपा ने झुंझुनूं, रामगढ़, देवली-उनियारा और सलूंबर सीटों पर भी जीत दर्ज की।
भजनलाल के नेतृत्व में भाजपा की मजबूती
भजनलाल शर्मा की रणनीति के कारण भाजपा में एकजुटता आई और पार्टी ने महत्वपूर्ण सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस जीत का श्रेय भजनलाल शर्मा को दिया और उनकी राजनीति की सराहना की। शर्मा के कुशल नेतृत्व के कारण भाजपा अब राजस्थान में एक मजबूत स्थिति में है।