सिंगरौली
मध्यप्रदेश के ऊर्जा धानी सिंगरौली जिले को स्मार्ट सिटी के रूप में चुना गया था, लेकिन शहर की सड़कों की हालत देखकर इसके दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। हाल ही में सिंगरौली नगर निगम की खस्ताहाल सड़कों को सुधारने के लिए काम शुरू किया गया था, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण हालात बदतर हो गए।
भ्रष्टाचार की सड़कों का सच
वार्ड 40 (डीएवी रोड) की पैचिंग के लिए 54 लाख रुपये का टेंडर पास हुआ था। ठेकेदार ने काम तो पूरा कर दिया, लेकिन सड़क इतनी कमजोर बनाई गई कि शुक्रवार को एक ट्रैक्टर-ट्रॉली का पहिया सड़क में धंस गया। ट्रैक्टर पलटने की स्थिति में आ गया, लेकिन चालक ने कूदकर अपनी जान बचा ली।
लोगों में गुस्सा
यह घटना नगर निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करती है। जिस सड़क पर हादसा हुआ, वह हाल ही में बनाई गई थी। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है और नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं।
नगर निगम पर आरोप
सिंगरौली नगर निगम पर अक्सर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ठेकेदार को काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार की खुली छूट दी गई, जिससे सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब रही।
नगर निगम आयुक्त का जवाब नहीं
जब इस मामले में नगर निगम आयुक्त डी.के. शर्मा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
यह घटना सिंगरौली के स्मार्ट सिटी दावों और जमीनी हकीकत के बीच के बड़े अंतर को दिखाती है। लोगों ने नगर निगम और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।