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Jodhpur News: जोधपुर के सिद्धनाथ धाम में लटकता शिवलिंग है भक्तों के आकर्षण का केंद्र
जोधपुर शहर में तख्त सागर की पहाड़ियों में प्रसिद्ध सिद्धनाथ धाम स्थित है, जहां सिद्धनाथ महादेव का मंदिर है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां के हर पत्थर पर शेषनाग, भगवान शिव की आकृति और मंदिर के गुंबद पर भगवान राम, कृष्ण और शिव के नाम लिखे हुए हैं। सबसे खास बात यह है कि मंदिर में एक छोटी गुफा में एक प्राकृतिक रूप से लटकता शिवलिंग है, जो गाय के थन की आकृति का है। भक्त इसे कुदरत का चमत्कार मानते हैं और यही शिवलिंग मंदिर का मुख्य आकर्षण है।
सिद्धनाथ धाम की कहानी
1932 में परम योगी संत नारायण स्वामी और संत एकनाथ रानाडे जोधपुर आए थे। उन्होंने सिद्धनाथ पहाड़ियों पर बने इस छोटे महादेव मंदिर और गुफा के दर्शन किए थे। इस स्थान का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता से वे बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद, संत नारायण स्वामी ने यहां अपनी साधना शुरू की और इसे अपनी तपोस्थली बना लिया। उनके बाद शिष्य गौरी शंकर ने इस स्थान को और भी भव्य बनाया, और नेपाली बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए।
मंदिर का निर्माण और विस्तार
यह मंदिर छीतर पत्थरों से बना हुआ है। मंदिर के बाहर सफेद ग्रेनाइट से बनी नंदी की प्रतिमा स्थापित है। महाशिवरात्रि के दिन यहां विशेष पूजा और अभिषेक होते हैं। मंदिर में 12 प्राकृतिक ज्योतिर्लिंग भी हैं। नेपाली बाबा ने यहां पहुंचने के लिए पहाड़ी के कठिन रास्ते पर 355 सीढ़ियां बनवायीं। ये सीढ़ियां उनके अथक प्रयास का परिणाम हैं, क्योंकि वे दिव्यांग हाथों में छेनी-हथोड़ा लेकर इन्हें बनवाते थे।
अन्य सुविधाएं
मंदिर परिसर में गौशाला भी है, जहां 300 से अधिक गायें रखी जाती हैं। श्रद्धालु और सेवादार उनकी सेवा में लगे रहते हैं। इसके अलावा, मंदिर के आसपास औषधीय पौधे जैसे बड़ला, बेलपत्र और पीपल के पेड़ लगाए गए हैं, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं।