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दौसा जिले के मंडावरी कस्बे में एक कपड़ा व्यवसायी साइबर ठगी का शिकार हुआ है और उसने हजारों रुपए गंवा दिए। पीड़ित मुकेश कुमार गुप्ता ने थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि एक मोबाइल नेटवर्क कंपनी के प्रतिनिधि ने सिम वेरिफिकेशन के लिए कॉल किया और ओटीपी मांगा। जब उन्होंने ओटीपी देने से मना किया, तो सिम बंद कर दी गई। फिर अगले दिन वही कंपनी से कॉल आया और कहा कि अगर सिम चालू करनी है तो ओटीपी देना पड़ेगा। लेकिन मुकेश ने फिर से ओटीपी देने से मना कर दिया।
जब सिम बंद होने के बाद उन्होंने कस्टमर केयर से संपर्क किया तो बताया गया कि शिकायत के बाद सिम बंद कर दी गई है। बाद में, नई सिम के लिए उन्होंने पंचायत समिति लालसोट में आधार फिंगर वेरिफिकेशन करवाया और 1 दिसंबर को नई सिम एक्टिवेट करवाई। लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने खातों का बैलेंस चेक किया, तो पाया कि उनके खातों से रकम गायब हो गई थी।
मुकेश कुमार गुप्ता की पत्नी के एक खाते से 86,899 रुपए और दूसरे खाते से 7,800 रुपए मिलाकर कुल 94,699 रुपए गायब हो गए। अब उन्होंने साइबर क्राइम की शिकायत मंडावरी थाने में दर्ज कराई है और पुलिस से ठगी की रकम की बरामदगी की गुहार लगाई है।
पहले भी हो चुकी है साइबर ठगी
- केस-1: 28 सितंबर को श्रीकांत सोनी ने अंजान लिंक पर क्लिक करके 3.64 लाख रुपए गंवाए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, लेकिन अपराधियों का कोई पता नहीं चल पाया है।
- केस-2: एक अन्य युवक चेतन अग्रवाल ने भी लगभग 78,000 रुपए गंवाए थे, जब साइबर ठग ने पुलिस इंस्पेक्टर बनकर उसे झांसा दिया था।
सतर्कता जरूरी
साइबर ठग अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जैसे मनी लांड्रिंग, ड्रग्स मामले में फंसा कर पैसे मांगना, फर्जी केवाईसी या लॉटरी का झांसा देना। इस प्रकार के ठगों से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें और अपने बैंक व पुलिस को सूचित करें।