Related Articles
जयपुर। राजस्थान सस्ती बिजली उत्पादन में और तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में चार बड़े सोलर पार्क बनाए जा रहे हैं, जिनसे हर साल 1250 करोड़ यूनिट सस्ती बिजली का उत्पादन होगा। इन प्रोजेक्ट्स से सरकार को भूमि लीज, जीएसटी और अन्य माध्यमों से 5,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा।
प्रमुख बातें:
- इन प्रोजेक्ट्स में 7,375 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता होगी।
- केंद्र सरकार के उपक्रम और निजी कंपनियां निवेश करेंगी।
- सस्ती बिजली की उपलब्धता प्रदेश के लिए सुनिश्चित करने की जरूरत।
मुख्यमंत्री का फोकस
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने पर जोर दिया है। ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनियों को सस्ती बिजली की आपूर्ति बढ़ाने के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
सोलर पार्क के प्रमुख प्रोजेक्ट्स
- प्रोजेक्ट 1:
- नेवली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर 2,000 मेगावाट का प्रोजेक्ट।
- हर साल 340 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन होगा।
- निर्माण कंपनी 2.64 रुपए प्रति यूनिट बिजली उत्पादन निगम को देगी।
- प्रोजेक्ट 2 (बीकानेर):
- पूगल में 2,450 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क।
- हर साल 417 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य।
- 1,881 हेक्टेयर भूमि आवंटित।
- इस पर 1,100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- प्रोजेक्ट 3 (जैसलमेर):
- 2,000 मेगावाट का सोलर पार्क।
- हर साल 340 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन होगा।
- प्रोजेक्ट पर 9,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
- प्रोजेक्ट 4 (बीकानेर, नोख):
- 925 मेगावाट का सोलर प्लांट।
- हर साल 158 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन।
- 619 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को मिलेगा।
जरूरी कदम
राजस्थान भले ही सोलर हब बन चुका है, लेकिन प्रदेशवासियों को केवल 23% सस्ती बिजली ही मिल पाती है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सोलर पार्क से मिलने वाली बिजली का कुछ हिस्सा राज्य को ही मिले। इससे महंगी बिजली खरीदने और विद्युत कटौती की समस्या कम होगी।
भविष्य की तैयारी
इन प्रोजेक्ट्स से सौर ऊर्जा उत्पादन में तेजी आएगी, लेकिन यह सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता को इसका लाभ मिले। इससे राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।