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राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में पालनहार योजना को लेकर जमकर बहस हुई। कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता पर सवाल उठाया। मंत्री अविनाश गहलोत ने सुबह और शाम को इस मुद्दे पर अलग-अलग जवाब दिए, जिससे विवाद बढ़ गया।
मंत्री के अलग-अलग जवाब
- सुबह: मंत्री गहलोत ने बताया कि 6.15 लाख बच्चे पालनहार योजना के तहत लाभांवित हो रहे हैं। जुलाई से दिसंबर 2024 तक 2.67 लाख बच्चों के 40.15 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। उन्होंने देरी की वजह सत्यापन प्रक्रिया और बैंक के IFSC कोड में बदलाव को बताया।
- शाम: मंत्री ने कहा कि पालनहार योजना में कोई भुगतान बकाया नहीं है, सिर्फ तकनीकी कारणों से कुछ मामलों में देरी हुई है।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
- योजना में देरी पर विपक्ष ने सरकार को टालमटोल करने का आरोप लगाया।
- मंत्री और विपक्ष के सदस्यों में तीखी बहस हुई, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को प्रश्नकाल खत्म करने की घोषणा करनी पड़ी।
अनुदान मांगों पर भी गरमाई बहस
- नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पेंशन और स्कॉलरशिप में देरी का मुद्दा उठाया।
- मंत्री गहलोत ने जवाब दिया कि दिसंबर तक की पेंशन जारी हो चुकी है और जनवरी का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
- दलित-आदिवासी हत्या मामलों में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर होने की रिपोर्ट का भी जिक्र हुआ।
‘दादी’ शब्द पर मजाकिया माहौल
बहस के दौरान मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि गहलोत ने संस्कार अपनी ‘दादी’ से सीखे हैं। इस पर स्पीकर ने उन्हें बैठने का इशारा किया, जिससे सदन में हल्का-फुल्का माहौल बन गया।
निष्कर्ष
पालनहार योजना पर सरकार और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। मंत्री के अलग-अलग बयानों से विवाद बढ़ा, लेकिन सरकार ने दावा किया कि सभी बकाया भुगतान जल्द ही निपटा दिए जाएंगे।