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सागर संभाग। सागर संभाग में दमोह जिले की हवा सबसे शुद्ध है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 2023-24 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, दमोह प्रदेश में वायु गुणवत्ता के मामले में दूसरे स्थान पर है। सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी की स्थिति भी संतोषजनक पाई गई है।
जिलों की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट
- दमोह: वार्षिक औसत पीएम-10 स्तर 45.78 (अच्छा)
- छतरपुर: वार्षिक औसत पीएम-10 स्तर 57.37 (संतोषजनक)
- टीकमगढ़: वार्षिक औसत पीएम-10 स्तर 56.33 (संतोषजनक)
- निवाड़ी: वार्षिक औसत पीएम-10 स्तर 58.32 (संतोषजनक)
- सागर: वार्षिक औसत पीएम-10 स्तर 75.37 (संतोषजनक)
- पन्ना: वार्षिक औसत पीएम-10 स्तर 52.59 (संतोषजनक)
पीएम-10 और पीएम-2.5 क्या है?
- पीएम-10: यह 10 माइक्रोमीटर से छोटे धूल के कण होते हैं जो सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचकर श्वसन बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
- पीएम-2.5: यह और भी छोटे कण होते हैं जो शरीर में गहराई तक पहुंचकर दिल की बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
वायु गुणवत्ता के मानक
- पीएम-10 का स्तर 50 से कम: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 100 से अधिक: अस्वस्थ
प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण कम करने के लिए नगर पालिका को सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव करना चाहिए। साथ ही, ग्रीन स्पेस बढ़ाने, प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बढ़ाने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने की जरूरत है। आतिशबाजी जैसे प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों पर भी रोक लगानी चाहिए।
स्वास्थ्य पर असर
प्रदूषण के कारण अस्थमा, फेफड़ों का संक्रमण और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। सरकार और नागरिकों को वायु गुणवत्ता सुधार के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।