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हिमाचल कैबिनेट के 20 बड़े फैसले: होम स्टे नीति मंजूर, 13 पंचायतें बनीं नगर पंचायत

शिमला
हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए।

आपदा प्रभावितों को राहत

  • शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों को विशेष राहत पैकेज मिलेगा।
  • पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई।

13 पंचायतें बनीं नगर पंचायत

  • धर्मपुर, संधोल, बड़सर, भोरंज, बंगाणा, कुनिहार, बलद्वाड़ा, नगरोटा सूरियां, स्वारघाट, झंडूता, बनीखेत और खुंडियां को नगर पंचायत का दर्जा मिला।
  • नादौन को नगर परिषद बनाया गया।

खनन रक्षकों और शिक्षकों की नियुक्ति

  • 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए आयु सीमा 20-30 वर्ष तय।
  • पंजाबी और उर्दू शिक्षकों के 31 पद भरे जाएंगे।
  • अतिथि शिक्षक प्रति घंटा आधार पर नियुक्त होंगे।

एसएमसी शिक्षकों को राहत

  • एसएमसी शिक्षकों के लिए 5% एलडीआर कोटा तय।
  • 928 अंशकालिक जलवाहकों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर नियमित किया जाएगा।

जलविद्युत परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने की नीति

  • 25 मेगावाट तक की रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए नई नीति बनेगी।

वाल्मीकि समुदाय और विधवाओं को मदद

  • वाल्मीकि कामगार आवास योजना के तहत 3 लाख रुपये की वित्तीय सहायता।
  • विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के तहत राशि 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये।

स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार

  • स्वास्थ्य कर्मचारियों के सामान्य कैडर का विभाजन।
  • नर्सरी और कक्षा-1 में दाखिले के लिए आयु सीमा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार तय।

डीएमएफ ट्रस्ट नियमों में बदलाव

  • प्रभावित क्षेत्रों की परिधि 5 किलोमीटर से बढ़ाकर 15 किलोमीटर।
  • डीएमएफ फंड का 70% हिस्सा सीधे प्रभावित क्षेत्रों पर खर्च होगा।

बिजली और पुलिस चौकी से जुड़ी योजनाएं

  • पांगी घाटी में बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी लाइन का निर्माण।
  • सरचू में स्थायी पुलिस चौकी स्थापित।

होम स्टे नीति मंजूर

  • नए होम स्टे नियम 2024 को मंजूरी।
  • हिमाचलियों को प्राथमिकता, पर्यावरणीय नियमों का पालन जरूरी।
  • वर्षा जल संचयन को बढ़ावा।

तंबाकू पर टैक्स बढ़ाया

  • तंबाकू उत्पादों पर रोड टैक्स 4.50 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 6.75 रुपये प्रति किलो किया गया।

पेड़ों के निपटान के लिए एसओपी

  • सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के प्रबंधन के लिए मानक प्रक्रिया लागू।
  • डीएफओ को 50 पेड़ों तक के लॉट्स का प्रबंधन करने का अधिकार।

निविदा प्रक्रिया में बदलाव

  • निविदा प्रक्रिया की समय सीमा घटाई गई, जिससे कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे हो सकें।

यह सभी फैसले राज्य के विकास और लोगों की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से लिए गए हैं।

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