बाबा आंबेडकर के मसले पर बुधवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में बड़ा हंगामा हुआ। विपक्षी और सत्तापक्ष के सदस्य आपस में भिड़ गए। दोनों पक्ष गर्भगृह में पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सत्तापक्ष के साथ गर्भगृह में पहुंच गए, जो मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास में शायद पहली बार हुआ था।
स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने हंगामा शांत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति न सुधरने पर कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही। स्पीकर ने बाद में पूरी कार्यवाही को विलोपित कर दिया।
इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पीकर से आग्रह किया कि इस मामले में उचित व्यवस्था बनाई जाए, क्योंकि सदन की परंपरा रही है कि दूसरे सदन की चर्चा इस सदन में नहीं की जाती।
विपक्ष ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी विरोध किया। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में चाय की कटोरी लेकर प्रदर्शन किया, और आरोप लगाया कि सरकार ने बेरोजगारी दूर करने का जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि सदन में नियमों और मर्यादाओं का पालन करना जरूरी है। स्पीकर ने भी सदन के समय का सही इस्तेमाल करने की बात की और सभी को सहयोग देने की अपील की।