महाकुंभ 2025 की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नई पहल शुरू की है, जिसमें पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण और लिखित परीक्षा दी जा रही है। यह प्रशिक्षण पुलिसकर्मियों को आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था, श्रद्धालुओं से व्यवहार और कुंभ मेला से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर तैयार करने के लिए है।
पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण: सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और श्रद्धालुओं से व्यवहार
महाकुंभ के दौरान करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिसकर्मियों को हर पहलू पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसमें आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था, श्रद्धालुओं से सही व्यवहार, और कुंभ के धार्मिक पहलुओं की जानकारी दी जा रही है।
लिखित परीक्षा से जांची जा रही है पुलिसकर्मियों की तत्परता
प्रशिक्षण के बाद पुलिसकर्मियों को एक लिखित परीक्षा दी जाती है। इस परीक्षा में विभिन्न मुद्दों पर सवाल पूछे जाते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुलिसकर्मी हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। परीक्षा में असफल होने पर अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाता है।
पुलिसकर्मियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण
कुंभ मेला में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों के लिए यह प्रशिक्षण अनिवार्य है, जो उन्हें सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और श्रद्धालुओं से सही व्यवहार की तैयारी देता है। पुलिस उपाधीक्षक संदीप वर्मा के अनुसार, यह प्रणाली पुलिसकर्मियों को महाकुंभ में होने वाली किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार करने के लिए बनाई गई है।
महाकुंभ 2025 में पुलिसकर्मियों की अहम भूमिका
महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु इलाहाबाद (प्रयागराज) में एकत्र होंगे, जिनकी सुरक्षा और कुशल प्रबंधन के लिए पुलिसकर्मियों का कड़ा प्रशिक्षण जरूरी है। इस प्रशिक्षण से उन्हें कुंभ के धार्मिक महत्व की जानकारी, मानसिक और शारीरिक फिटनेस और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी मिलेगी।