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मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, सिंगरौली, और सागर जैसे शहरों में हवा इतनी दूषित हो गई है कि यह रोजाना नए रिकॉर्ड बना रही है।
सिंगरौली की सबसे खराब स्थिति
सिंगरौली का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 307 तक पहुंच गया है, जो सबसे ज्यादा खतरनाक स्तर पर है। जबलपुर का AQI 296, ग्वालियर का 220, और सागर का 207 रहा। राजधानी भोपाल में भी स्थिति गंभीर है, जहां सुबह AQI 200 के पार पहुंचा और बाद में 193 पर रुका।
भोपाल में पानी का छिड़काव
भोपाल में प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम दिन में 4 बार पानी का छिड़काव कर रहा है। हालांकि, इसका असर सीमित ही है। भोपाल का न्यूनतम AQI 150 रहा, जो अब भी नुकसानदायक है।
प्रदूषण बढ़ने के कारण
भोपाल और अन्य शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण हैं:
- वाहनों की बढ़ती संख्या: CO2 और NOx जैसे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन।
- निर्माण कार्य: मेट्रो, फ्लाईओवर, और अन्य प्रोजेक्ट्स के कारण धूल का स्तर बढ़ा।
- खराब सड़कें: सड़कों पर उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण बढ़ा रही है।
- कचरा जलाना: इससे सल्फर डाइऑक्साइड हवा में मिल रहा है।
- पराली जलाना: किसान अपनी फसल के अवशेष जलाते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है।
- उद्योगों का धुआं: केमिकल और अन्य उद्योगों से निकलने वाला धुआं भी बड़ा कारण है।
- बाहरी प्रभाव: पंजाब और दिल्ली से आने वाली दूषित हवा 20% तक MP की वायु गुणवत्ता को खराब कर रही है।
लोगों के लिए खतरा
सिंगरौली और अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि यह लोगों को बीमार करने और घरों के अंदर रहने पर मजबूर कर सकता है। सरकार और प्रशासन को इस स्थिति को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।