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ग्राम पंचायत के लिए जनसंख्या प्रावधान:
- सामान्य क्षेत्रों में ग्राम पंचायत की जनसंख्या न्यूनतम 3000 और अधिकतम 5500 होगी।
- सहरिया क्षेत्र (किशनगंज और शाहबाद) और मरुस्थलीय जिलों (बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर) में यह सीमा 2000 से 4000 के बीच होगी।
- अनुसूचित क्षेत्रों (बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर) में भी यही जनसंख्या प्रावधान रहेगा।
ग्रामवासियों की मांग पर बदलाव:
- ग्राम पंचायत में बदलाव की मांग पर गांव को दूसरी ग्राम पंचायत में शामिल किया जा सकेगा, लेकिन यह दूरी 6 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पंचायत समितियों का पुनर्गठन:
- जिन पंचायत समितियों में 40 या उससे अधिक ग्राम पंचायतें और 2 लाख से अधिक आबादी है, उनका पुनर्गठन होगा।
- हर नवसृजित पंचायत समिति में कम से कम 25 ग्राम पंचायतें होंगी।
पुनर्गठन की प्रक्रिया:
- जिला कलक्टर आवश्यकता अनुसार नजदीकी पंचायत समितियों से 8 ग्राम पंचायतें जोड़कर 17 ग्राम पंचायतों वाली पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें बना सकेंगे।
- पुनर्गठन और नवसृजन के प्रस्तावों पर आपत्तियां ली जाएंगी।
कलक्टर को जिम्मेदारी:
- ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन और नवसृजन के प्रस्ताव तैयार करने से लेकर राज्य सरकार से मंजूरी दिलाने तक की जिम्मेदारी जिला कलक्टर को दी गई है।
प्रक्रिया का समय:
- 20 जनवरी से 18 फरवरी 2025 तक प्रस्ताव तैयार होंगे।
- 20 फरवरी से 21 मार्च 2025 तक आपत्तियां मांगी जाएंगी।
- 23 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।
- 3 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025 तक अंतिम प्रस्ताव पंचायतीराज विभाग को भेजे जाएंगे।
पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।