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वैश्विक घटनाओं के चलते सोने के दामों में जबरदस्त तेजी आई है। भीलवाड़ा में सोना पहली बार 84,700 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जनवरी महीने में ही सोने की कीमतों में 6,000 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है।
कैसे बढ़े सोने के दाम?
- 30 सितंबर को सोना 80,000 रुपए प्रति तोला था, जो तब का उच्चतम स्तर था।
- इसके बाद भाव गिरकर 77,500 रुपए तक आए, लेकिन अब तेजी रुकने का नाम नहीं ले रही।
- अमेरिकी चुनाव और वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के कारण भी सोने के दाम बढ़े हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर:
- अमेरिकी राष्ट्रपति के बयानों और ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने सोने की कीमतों पर असर डाला है।
- डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण भी सोना महंगा हुआ है।
शादी वाले परिवारों को परेशानी:
- मकर संक्रांति के बाद शादियों का सीजन शुरू हुआ है, लेकिन सोने के बढ़े दामों ने लोगों को परेशान किया है।
- लोग अब सिर्फ जरूरत के हिसाब से हल्की ज्वैलरी खरीद रहे हैं या सिर्फ शगुन के लिए खरीददारी कर रहे हैं।
बाजार में सुस्ती:
- बढ़ती कीमतों के कारण सर्राफा बाजार में भी मंदी का माहौल है।
- लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अगले 10-15 दिनों में सोने के दाम घट सकते हैं।
- आमतौर पर जब दाम तेजी से बढ़ते हैं, तो उसके बाद कुछ समय में सुधार देखने को मिलता है।
व्यापारियों की राय:
मनीष बहेड़िया, एक ज्वैलरी व्यापारी के अनुसार, “लोग अब सिर्फ जरूरत के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही सोने के भाव में गिरावट आएगी।”
अगर आप भी सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो कुछ दिन रुककर बाजार के रुझान का इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।