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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पौधारोपण में घपले के बाद, राज्य सरकार ने पौधारोपण स्थलों की आकस्मिक जांच का आदेश दिया है। रैंडम तरीके से चयनित स्थलों पर जांच की जाएगी। इस कदम से वन विभाग ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि पौधारोपण कार्यक्रम पारदर्शी तरीके से चलें और किसी भी घपले की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाए।
पौधारोपण में घोटाला
प्रयागराज के सोरांव रेंज में पौधारोपण कार्य में अनियमितताएं सामने आई थीं, जिसमें दावा किया गया था कि 6 हेक्टेयर क्षेत्र में 15,000 पौधे लगाए गए थे, लेकिन असल में यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित था। इस घोटाले के बाद वन विभाग ने पूरे राज्य में आकस्मिक जांच की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
रैंडम चयन से जांच
पौधारोपण स्थलों की जांच रैंडम तरीके से की जाएगी। इसके लिए कंप्यूटर आधारित प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, ताकि चयन प्रक्रिया निष्पक्ष रहे और किसी प्रकार की पक्षपाती न हो। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बनी रहेगी।
थर्ड पार्टी ऑडिट
पौधारोपण कार्यों में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट भी अनिवार्य किया गया है। इससे जांच में बाहरी एजेंसियों की निष्पक्षता का लाभ मिलेगा और पौधारोपण के दावों की सत्यता सुनिश्चित की जाएगी।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
विभाग ने घोटाले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। दोषियों से आर्थिक नुकसान की भरपाई भी की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
मुख्य बिंदु
- पौधारोपण स्थलों की आकस्मिक जांच
- रैंडम तरीके से स्थल चयन
- थर्ड पार्टी ऑडिट की अनिवार्यता
- प्रयागराज के सोरांव रेंज में घोटाला
- घपलेबाजों पर कानूनी कार्रवाई और नुकसान की भरपाई
इस कदम से वन विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, जिससे भविष्य में पौधारोपण कार्यक्रमों में सुधार आएगा।