जयपुर न्यूज:
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वेस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट (WRCP) को जल्द शुरू करने के संकेत दिए हैं। यह प्रोजेक्ट पश्चिमी राजस्थान के लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि इसके जरिए गुजरात से पानी लाया जाएगा।
क्या है वेस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट (WRCP)?
- 1966 में गुजरात और राजस्थान के बीच माही नदी के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था।
- इस समझौते के तहत माही नदी के अतिरिक्त पानी को राजस्थान में लाने की योजना है।
- यह पानी 350 किलोमीटर लंबी केनाल (नहर) के जरिए जालोर तक लाया जाएगा।
- अब इस पानी को सिर्फ जालोर-बाड़मेर ही नहीं, बल्कि जोधपुर संभाग के अन्य जिलों तक भी पहुंचाने पर विचार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन:
- जोधपुर संभाग के विधायकों ने जयपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का बजट जल्द जारी किया जा सकता है।
- प्रोजेक्ट की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर काम चल रहा है, जिसका बजट 26 लाख रुपए है।
क्या होगा इस प्रोजेक्ट का फायदा?
- भूजल स्तर को गिरने से रोका जा सकेगा।
- कृषि क्षेत्र को मिलेगा बड़ा सहारा, जिससे फसल उत्पादन बढ़ेगा।
- रोजगार के लिए पलायन रुक सकेगा, जिससे लोग अपने गांव में ही काम कर पाएंगे।
- कृषि आधारित उद्योग पनपने के नए अवसर मिलेंगे।
- पेयजल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी।
- उद्योगों को भी पानी की सुविधा मिल सकेगी।
प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति:
- विधानसभा में इस मुद्दे को कई बार उठाया गया है।
- प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, लेकिन अब भी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
- अंतिम रिपोर्ट के बाद ही डीपीआर तैयार किया जाएगा, जिसमें 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है।
- इसके बाद गुजरात सरकार के सहयोग से प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारा जाएगा।
नेताओं की प्रतिक्रिया:
- भैराराम सियोल, विधायक (ओसियां): “यह प्रोजेक्ट पश्चिमी राजस्थान के लिए वरदान साबित होगा। हमने इसे सबसे पहले सदन में उठाया था और लगातार इस पर काम कर रहे हैं।”
- बाबूसिंह राठौड़, विधायक (शेरगढ़): “सीएम ने प्रोजेक्ट को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। यह जोधपुर और पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए बेहद जरूरी है।”
- भुवन भास्कर, मुख्य अभियंता (जल संसाधन विभाग): “अभी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद ही डीपीआर की प्रक्रिया शुरू होगी।”
जल्द ही यह प्रोजेक्ट राजस्थान के सूखे इलाकों में पानी पहुंचाने के सपने को हकीकत में बदल सकता है।