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कांकवाड़ी किला राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित है। यह किला आमेर के राजा जयसिंह द्वितीय ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था। बाद में महाराजा प्रताप सिंह ने इस किले का पुनर्निर्माण किया और यहां छह महीने तक रहे थे। इस किले में मुगल स्थापत्य कला की झलक भी देखने को मिलती है।
किले की खासियत कांकवाड़ी किला एक पहाड़ी पर स्थित है और इसकी आकृति गिटार जैसी दिखाई देती है। यह किला मुगल साम्राज्य के इतिहास का गवाह भी है, क्योंकि औरंगजेब ने अपने भाई दाराशिकोह को यहां बंदी बना रखा था। इस किले के आस-पास खजूर के पेड़ लगे हुए हैं, क्योंकि मुगलों के समय में खजूर को शरीर को मजबूत रखने के लिए खाया जाता था।
किले का आकर्षण कांकवाड़ी किला बाघ रिजर्व में स्थित है, जहां पर्यटक बाघ, तेंदुए, हिरण और अन्य वन्यजीवों को देख सकते हैं। किले में प्रवेश पर प्रतिबंध है और पर्यटकों को अनुमति लेकर ही अंदर जाने की अनुमति मिलती है। इस कारण किले पर आने वाले लोगों की संख्या बहुत कम होती है।
यह किला अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है।