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राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को फिर से बहाल करने का बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में इन दोनों को बहाल किया जाएगा।
वकीलों के अनशन में पहुंचे डोटासरा
डोटासरा सोमवार को सीकर कोर्ट परिसर पहुंचे, जहां अभिभाषक संघ के क्रमिक अनशन में शामिल होकर वकीलों और जनता को समर्थन दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और सरकार पर जनविरोधी नीतियों का आरोप लगाया।
‘पर्चियों से चल रही है सरकार’ – डोटासरा का तंज
डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार पर्चियों से बनी है और पर्चियों से ही चलाई जा रही है। उन्होंने भाजपा मंत्री अविनाश गहलोत के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जब सरकार के अपने ही मंत्री कह रहे हैं कि सरकार पर्चियों से चल रही है, तो जनता को क्या उम्मीद करनी चाहिए?
संभाग खत्म, तो नगर निगम कैसे बनेगा?
डोटासरा ने कहा कि सीकर संभाग को खत्म करने के बाद नगर निगम बनाने की बात बेमानी हो गई है। उन्होंने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा पर तंज कसते हुए कहा कि पहले नीमकाथाना में नगर निगम बनाने की बात हुई थी, लेकिन अब वे फिर सीकर पर आ गए हैं। लेकिन न तो नगर परिषद की सीमा बढ़ी है और न ही नगर निगम की प्रक्रिया पूरी हुई।
‘भाजपा सरकार चुनाव से डर रही है’
डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव से डर रही है, इसलिए परिसीमन की प्रक्रिया को बार-बार आगे बढ़ा रही है। कानून के मुताबिक, परिसीमन फाइनल होने के 6 महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है, लेकिन भाजपा सरकार सिर्फ बहाने बना रही है।
एक झटके में खत्म किए जिले और संभाग
डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने दिल्ली से आई एक पर्ची के आधार पर 9 जिले और 3 संभागों को खत्म कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने जनता की सुविधा के लिए 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही उन्हें समाप्त कर दिया।
पहली कैबिनेट बैठक में संभाग और जिले की बहाली
डोटासरा ने साफ कहा कि अगर भाजपा सरकार ने सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला बहाल नहीं किया, तो कांग्रेस सरकार बनते ही पहला फैसला इन्हें बहाल करने का होगा। साथ ही, अन्य प्रभावित जिलों पर भी सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
अब राजस्थान में 41 जिले और 7 संभाग
गौरतलब है कि राजस्थान की भजनलाल सरकार ने हाल ही में 9 जिले और 3 संभाग खत्म करने का फैसला लिया। अब राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग रह गए हैं, जबकि गहलोत सरकार में बने 17 नए जिलों में से 8 जिले अब भी कायम हैं।