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सुप्रीम कोर्ट में भोजशाला मामले पर अहम सुनवाई

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला और कमाल मौला मस्जिद के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने दावा किया है कि भोजशाला का मुद्दा काशी-मथुरा और अयोध्या के समान है। उनका कहना है कि भोजशाला धर्मस्थल उपासना अधिनियम से संबंधित नहीं है, और इसलिए इस मामले की मुख्य याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए।

सर्वे और कोर्ट का आदेश
भोजशाला पर चल रहे विवाद के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। यह सर्वे 2024 में किया गया था और 15 जुलाई 2024 को इसकी रिपोर्ट पेश की गई थी। लेकिन कोर्ट ने इसकी कार्यवाही पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले को अन्य धार्मिक स्थलों से अलग तरीके से देखा जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता की मांग
आशीष गोयल ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि भोजशाला के संरक्षण का कार्य एएसआई द्वारा किया जा रहा है और यह धार्मिक स्थल उपासना अधिनियम से संबंधित नहीं है, इसलिए इस पर मुख्य याचिका की सुनवाई की जाए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटाई जाए।

हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लिए नियम
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने आदेश दिया है कि भोजशाला में प्रति मंगलवार और बसंत पंचमी को हिंदू समाज को प्रवेश दिया जाएगा, जबकि शुक्रवार को मुस्लिम समाज को जुमा की नमाज अदा करने की अनुमति है। सप्ताह के बाकी दिनों में पर्यटक शुल्क देकर लोग इस स्थान का दौरा कर सकते हैं।

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