मोरवा तिराहा पर हुआ दर्दनाक हादसा
छतरपुर के मोरवा तिराहा पर शुक्रवार को एक तेज़ रफ्तार बस ने स्कूटी को टक्कर मार दी। इस हादसे में स्कूटी सवार 7 साल की बच्ची और उसकी 30 वर्षीय बुआ की मौके पर ही मौत हो गई। बच्ची की दादी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद बस चालक फरार हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर बस को जब्त कर लिया है और ड्राइवर की तलाश कर रही है।
स्कूटी को घसीटते हुए खेत तक ले गई बस
जानकारी के अनुसार, बसारी दरवाजा क्षेत्र के 6 लोग दोपहिया वाहनों से महोबा रोड स्थित फार्म हाउस घूमने गए थे। लौटते वक्त एक तेज़ रफ्तार बस ने सामने से स्कूटी को टक्कर मार दी और उसे 100 मीटर तक घसीटते हुए खेत तक ले गई। हादसे में रिया (7 वर्ष) और उसकी बुआ स्वीटी (30 वर्ष) की मौत हो गई, जबकि उनकी दादी मुन्नी (49 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हैं।
बस चालक की लापरवाही का मामला
मृतक स्वीटी के भाई डॉ. सुमित ने बताया कि स्कूटी सड़क के किनारे रुकी हुई थी, तभी रॉन्ग साइड से आ रही बस ने टक्कर मार दी। स्वीटी की हाल ही में भोपाल में सगाई हुई थी, और वे परिवार के साथ वापस लौटी थीं।
अक्टूबर में भी हुआ था बड़ा हादसा
झांसी-खजुराहो फोरलेन पर 20 अक्टूबर को एक स्लीपर बस डंपर से टकराकर खाई में गिर गई थी। इस हादसे में रीवा के 13 वर्षीय छात्र की मौत हो गई थी, जबकि 20 यात्री घायल हुए थे।
तेज़ रफ्तार बसें बन रहीं हादसों की वजह
जिले में यात्री बसों की तेज़ रफ्तार और लापरवाही हादसों का मुख्य कारण बन रही हैं। बेलगाम बसें न केवल यात्रियों की बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। इन बसों की तेज रफ्तार और नियमों की अनदेखी से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
सख्त कानूनी कार्रवाई की जरूरत
अधिकारियों का मानना है कि इन हादसों को रोकने के लिए यात्री बसों की गति सीमा पर सख्ती से निगरानी जरूरी है। ड्राइवरों को नियमित प्रशिक्षण देना, गति सीमा का पालन सुनिश्चित करना और सडक़ सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू करना आवश्यक है। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग को नियमित चेकिंग करनी चाहिए और रफ्तार नियंत्रक उपकरण लगाने चाहिए ताकि इस तरह के हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।