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प्रधानाचार्य अपने खर्चे से बांट रहे चिक्की और चना, शिक्षा विभाग पर उठे सवाल

सप्लीमेंट बांटने का आदेश, पर बजट का इंतजार
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में छात्रों को कुपोषण से बचाने के लिए हर गुरुवार चिक्की, भुना चना, गजक और रामदाना बांटने का आदेश दिया गया है। लेकिन, बजट न मिलने से प्रधानाचार्य अपनी जेब से पैसे खर्च कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि सप्लीमेंट बांटने के लिए विभाग ने बजट जारी किया, पर वह अब तक स्कूलों के खातों में नहीं पहुंचा।

प्रधानाचार्य परेशान, बजट का इंतजार
एक प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके स्कूल में 200 छात्र हैं, जिनके लिए हर हफ्ते करीब 700-800 रुपये का खर्च आ रहा है। महीने में यह खर्च 3500 रुपये तक पहुंच जाता है। विभाग से पैसे कब मिलेंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं है। प्रधानाचार्यों का कहना है कि जब सब काम हमें करना है, तो विभाग वाहवाही क्यों लूट रहा है।

कुपोषण से बचाने के लिए योजना
छात्रों को पीएम पोषण योजना के तहत सप्लीमेंट नवंबर के पहले गुरुवार से मार्च 2025 तक दिया जाना है। जिले के 511 स्कूलों के 85 हजार छात्रों को हर गुरुवार 5 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से सप्लीमेंट दिया जाएगा।

शिक्षकों का विरोध
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि मिड डे मील की तरह सप्लीमेंट भी एनजीओ के माध्यम से बंटवाना चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि सप्लीमेंट बांटने के कारण पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।

बजट मिलने का दावा
बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि सभी स्कूलों के खातों में 10 लाख 80 हजार रुपये भेज दिए गए हैं। देर रात तक पैसे खातों में पहुंच जाएंगे। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि अभी तक बजट नहीं मिला है।

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