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राजस्थान में डिजिटल इंडिया के तहत लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस पहल के तहत, राज्य के 10 नगरीय निकायों में भूमि का डिजिटल मैपिंग किया जाएगा। यह काम ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से होगा, जिससे भूमि अधिकारों का डिजिटलीकरण होगा और भूमि संबंधित जानकारी पारदर्शी तरीके से साझा की जा सकेगी।
इस प्रोजेक्ट के तहत, भिवाड़ी, किशनगढ़, ब्यावर, सवाईमाधोपुर, जैसलमेर, पुष्कर, बगरू, बहरोड़, नवलगढ़ और नाथद्वारा नगरपालिकाओं का चयन किया गया है। इससे शहरी क्षेत्रों में संपत्ति के सीमांकन में सटीकता आएगी, और भूमि रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे। इस तकनीक से शहरी विकास में तेजी आएगी और भूमि विवादों में कमी आएगी।
नक्शा प्रोजेक्ट के फायदे:
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हवाई सर्वेक्षण से सटीक मैपिंग: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भूमि रिकॉर्ड्स की सत्यता की जांच की जाएगी। इससे सटीक शहरी योजना बनाई जा सकेगी।
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नवीन तकनीक से भविष्य की योजना: ड्रोन और कैमरे की मदद से सटीक नक्शे तैयार होंगे, जिससे शहरी योजनाओं में सुधार होगा।
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संपत्ति की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी: इससे आमजन अपनी संपत्ति की जानकारी एक क्लिक में देख सकेंगे, जिससे भूमि विवादों में कमी आएगी।
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भूमि विवादों का समाधान: यह प्रोजेक्ट भूमि के मालिकाना हक से जुड़े झगड़ों को खत्म करने में मदद करेगा और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।