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टीकमगढ़। जिले का मॉडल स्कूल और विधि महाविद्यालय ऐसी जगह स्थित हैं, जहां तक वाहनों की आवाजाही नहीं होती। इन दोनों संस्थानों की दूरी 16 किमी से अधिक है, जिससे छात्रों की अनुपस्थिति बढ़ रही है और उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
लंबी दूरी बनी समस्या
इन संस्थानों तक पहुंचने के दो रास्ते हैं:
- अस्पताल से कुंवरपुरा होकर मॉडल स्कूल बडोरा तक की दूरी 7.5 किमी है।
- अनंतपुरा से 9 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।
इसी रास्ते में केंद्रीय विद्यालय भी संचालित हो रहा है, जहां अभिभावकों द्वारा वाहनों की व्यवस्था की गई है। लेकिन मॉडल स्कूल और विधि महाविद्यालय के छात्र इस सुविधा से वंचित हैं।
छात्रों को हो रही परेशानी
कक्षा 10 के छात्र विकास प्रजापति और कपिल यादव ने बताया कि स्कूल शहर से बहुत दूर है, और यहां 300 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। कई छात्र ऐसे हैं, जिनके पास स्कूल आने के लिए कोई साधन नहीं है, जिससे वे अक्सर अनुपस्थित रहते हैं।
महंगा किराया भी बाधा
छात्रा मोहनी यादव और राजकुमार नामदेव ने बताया कि स्कूल तक पहुंचने के लिए ऑटो चालक 100 रुपये किराया मांगते हैं, जो छात्रों के लिए महंगा है। इतनी लंबी दूरी अकेले तय करना भी मुश्किल होता है। हालांकि, झांसी रोड, अनंतपुरा और कुंवरपुरा की ओर सड़कें पक्की हैं, लेकिन वाहन सुविधा नहीं होने से परेशानी बढ़ रही है।
संस्थानों की स्थिति
- शासकीय विधि महाविद्यालय टीकमगढ़: 265 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत।
- शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टीकमगढ़: कक्षा 9वीं से 12वीं तक 332 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।
मुख्यालय से संस्थान की दूरी अधिक होने के कारण छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
प्राचार्यों की राय
के.एल. चौरसिया, प्राचार्य (मॉडल स्कूल):
“मुख्यालय से स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण अनुपस्थिति बढ़ रही है। कक्षा 9वीं के 42 छात्रों को निशुल्क साइकिल वितरित की गई है और 6 और साइकिल के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।”
डॉ. पुष्पेंद्र सिंह राजपूत, प्राचार्य (विधि महाविद्यालय):
“हमारे कॉलेज में सेमेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाई होती है। कॉलेज से अनंतपुरा मुख्य मार्ग की दूरी 4.5 किमी और अस्पताल की ओर दूरी और अधिक है। सड़क पर वाहन सुविधा न होने से छात्रों को बड़ी दिक्कत हो रही है।”