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152 साल बाद महाशिवरात्रि पर बनेगा दुर्लभ ग्रह योग

जयपुर | इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी, जो कई दुर्लभ ग्रह योगों के साथ आ रही है। इस खास दिन पर सूर्य, बुध और शनि का त्रिग्रही योग, साथ ही श्रवण-घनिष्ठा नक्षत्र और शिव योग बन रहा है।

शिवालयों में तैयारियां जोरों पर

महाशिवरात्रि के अवसर पर जयपुर के ताड़केश्वर महादेव, झाड़खंड महादेव, जंगलेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, रोजगारेश्वर महादेव सहित सभी शिव मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाएंगे।

ग्रहों का दुर्लभ संयोग

  • सूर्य और शनि कुंभ राशि में होंगे।
  • शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में राहु के साथ रहेगा।
  • गुरु-शिष्य (शुक्र-राहु) मीन राशि में और पिता-पुत्र (सूर्य-शनि) कुंभ राशि में रहेंगे।
  • ऐसा योग 152 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 1873 में भी शिवरात्रि बुधवार को पड़ी थी।

60 साल बाद बन रहा त्रिग्रही योग

  • सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में होंगे।
  • इससे पहले 1965 में यह योग बना था।
  • इस योग में की गई शिव पूजा से मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।
  • ग्रहों के इस संयोग में पूजा करने से कुंडली के दोष भी शांत हो सकते हैं।

क्या होगा इस दिन पूजा करने का लाभ?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर इस विशेष योग में शिव पूजा करने से भक्तों की आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति होती है। सूर्य-बुध की युति से प्रतिष्ठा और पराक्रम बढ़ता है। इसलिए इस दिन शिवजी के साथ-साथ सूर्य, बुध और शनि की पूजा करना भी शुभ माना गया है।

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