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भीलवाड़ा। राजस्थान सरकार ने खनदानों के बाहर जमा मलबे के पहाड़ों को खत्म करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने राजस्थान बजट में प्रावधान किया है। खनन से निकले मलबे (ओवरबर्डन) का उपयोग एम-सेंड बनाने में किया जाएगा। सरकार ने इस पर रॉयल्टी में छूट देने की घोषणा की है। गैर सरकारी जमीन पर पड़े मलबे के उपयोग पर 50% रॉयल्टी की छूट दी जाएगी। इससे न केवल खनन क्षेत्रों की साफ-सफाई होगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा।
बिजौलियां में खड़े हैं मलबे के पहाड़
भीलवाड़ा जिले के बिजौलियां खनन क्षेत्र में सेंड स्टोन की खदानें हैं, जहां निकले पत्थर के टुकड़ों को इधर-उधर फेंक दिया जाता है। इससे 500 हेक्टेयर भूमि पर मलबे के पहाड़ खड़े हो गए हैं। खनन के बाद खदान मालिकों ने मलबा हटाने की जिम्मेदारी नहीं निभाई, जिससे समतल भूमि पर ऊँचे-ऊँचे ढेर लग गए और पहले से मौजूद पहाड़ों में गहरी खाइयां बन गईं।
कई जिलों में अवैध खनन का असर
भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अलवर, जयपुर, जोधपुर, बालोतरा, कोटा और बूंदी जैसे जिलों में अवैध खनन के कारण मलबे के पहाड़ खड़े हो गए हैं। भीलवाड़ा जिले में सबसे अधिक खनन माण्डलगढ़-बिजौलियां क्षेत्र में होता है। यहां खनन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा, जिससे बड़े पैमाने पर मलबा जमा हो गया है।
सरकार ने दी छूट
सरकार ने राजकीय भूमि में पड़े ओवरबर्डन से एम-सेंड बनाने पर रॉयल्टी में छूट दी है। इसके अलावा, गैर सरकारी भूमि में पड़े एम-सेंड के उपयोग पर 50% रॉयल्टी की छूट दी गई है। यह योजना खनन क्षेत्रों को साफ करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।